श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में – भजन (Shri Ram Janki Baithe Hain Mere Seene Me Bhajan)

Full Lyrics: Shri Ram Janki Baithe Hain Mere Sine Me:श्री राम जानकी बैठे  हैं मेरे सीने मे: : राम भजन - YouTube

shri ram janki baithe hai mere seene mein lyrics

श्री राम नवमी, विजय दशमी, सुंदरकांड, रामचरितमानस कथा और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से गाये जाने वाला भजन श्री राम जानकी के हिन्दी मे लिरिक्स।

ना चलाओ बाण,
व्यंग के ऐ विभिषण,
ताना ना सह पाऊं,
क्यूँ तोड़ी है ये माला,
तुझे ए लंकापति बतलाऊं,
मुझमें भी है तुझमें भी है,
सब में है समझाऊँ,
ऐ लंकापति विभीषण, ले देख,
मैं तुझको आज दिखाऊं।।

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में,
देख लो मेरे दिल के नगीने में।।

मुझको कीर्ति ना वैभव ना यश चाहिए,
राम के नाम का मुझ को रस चाहिए,
सुख मिले ऐसे अमृत को पीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में।।

अनमोल कोई भी चीज,
मेरे काम की नहीं,
दिखती अगर उसमे छवि,
सिया राम की नहीं ॥

राम रसिया हूँ मैं, राम सुमिरण करूँ,
सिया राम का सदा ही मै चिंतन करूँ,
सच्चा आनंद है ऐसे जीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ॥

फाड़ सीना हैं, सब को ये दिखला दिया,
भक्ति में मस्ती है, सबको बतला दिया,
कोई मस्ती ना, सागर को मीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ॥

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने मे,
देख लो मेरे दिल के नगीने में ॥

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