बजरंग बाला ने पवन के लाला ने कोटान कोट प्रणाम के बोल


बजरंग बाला,
पवनपुत्र
कोटान कोट प्रणाम,
आपके दर पर एक भिखारी,
बजरंग बाला,
पवनपुत्र
सूती कोट अभिवादन.

पंक्तियाँ – हम और आप चोरी से बंधे हैं

काम क्या हैं
राजा राम द्वारा निर्मित,
नदी पार की,
सीता का पुत्र
अंजनी के प्रिय,
प्रिय प्रिय,
राम के सेवक,
बजरंग बाला,
पवनपुत्र
सूती कोट अभिवादन.

लक्ष्मण की शक्ति के लिए,
मुझे बेहोशी छा गई,
जीवनदायी जड़ी-बूटियाँ लाओ,
बाबा, मैंने अपनी जान बचा ली.
वाद्ययंत्र ढोल हैं,
यन्त्र हैं, यन्त्र हैं,
बजरंग के नाम पर,
बजरंग बाला,
पवनपुत्र
सूती कोट अभिवादन.

थोड़ा भरोसा करो,
बाबा ने लड़ने का फैसला किया
लंका नष्ट हो गयी,
ध्वस्त, ध्वस्त,
घूमने से क्या फ़ायदा?
बजरंग बाला,
पवनपुत्र
सूती कोट अभिवादन.

‘श्याम बहादुर’ भी
बाबा थारो एक पुजारी हैं.
हे अंजनी पुत्र!
मैं तुम्हें ठीक कर दूंगा,
सरोगा कारण था,
आविष्ट, आविष्ट,
अपने गुलाम का
बजरंग बाला,
पवनपुत्र
सूती कोट अभिवादन.

बजरंग बाला,
पवनपुत्र
कोटान कोट प्रणाम,
आपके दर पर एक भिखारी,
बजरंग बाला,
पवनपुत्र
सूती कोट अभिवादन.

One Reply to “बजरंग बाला ने पवन के लाला ने कोटान कोट प्रणाम के बोल”

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